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Sunday, March 29, 2009

जिसका डर था वही हुआ

दोपहर में मेरी ख़बर वरुण पर रशुका लगने को तैयार है

और बही हुआ जिसका डर था
रासुका खाली एक या दो केश पर नही लगाई जाती इसके लिए अह्चा क्राइम रेकोउर्द होना चाहिए

इसके लिए राज्यपाल कि अनुमति मिलनी चहिये और सरकार का समर्थन
३६५ दिन या एक साल तक जेल में रहने का नियम

लगने के २४ /४८ गनते में लाखानाओ की अदालत में आना होगा
मतलब अब
मिडिया ख़बर और

हाँ एक अपराध हुआ था चुनाव कमिश्नर से और भाजपा ने मुद्दा बनाया था
और रस्पती को पॉवर है सभी कानून माफ़ करने का तो उनकी और से माफी मिल गयी

अब खामियाजा बीजेपी से होगा

पर ये नही सही हुआ
कि बरुन पर जब वो गिरफ्तारी के लिए अदालत गया तो
उस पर कई धारा लगा दी और रासुका भी जिसमे ३०७ की धारा भी है जो कि जान से मरने का अपराध है और वक्ती का बच जाना है

तो सवाल ये है कि बरुन ने किया क्या


कल के व्यान हो सकते है
कि वरुण को रशुका और संसद के आरोपी को मदद
प्रज्ञा पर मकोका और पाक के कसब पर ........
और भी बातें आयेंगी
पर बात है कि
अगर कल द्नागे होंगे तो
उसमे हुयी मौत का जिमेबार कौन होगा

क्या डीएम क्या राजपाल
या कोई सरकार इसकी जिमेदारी कुन लेगा

या जेल में बंद वरुण

सोचे और बताये
अगर ये आप को ये राय मानशिक उल्जन कर रही हा तो आप
सागर जी को या मुझे बताये और कहे कि इसे हटा दिया जाए
धन्यबाद

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