प्रिय भारत वासियों वन्देमातरम
एक बहस है कि पब संस्कृति को आगे बराना चाहिए कि नहीं
* सबसे पहली बात तो यह कि पब कोई संस्कृति नहीं है बल्कि विकृति है, अतः विकृति को फैलाना चाहियी कि नहीं स्वयं ही विचारें
* जो शिला दिक्षित मुख्य मंत्री दिल्ली इसके समर्थन में है तो वो बताएं कि स्त्री/पुरुष के शौचालय फिर अलग-अलग रखने कि क्या जरुरत है?
*वैश्या वृति पर भी आयकर लगाने में क्या बुराई है?
*ब्लू फिल्मों को सामान्य फिल्म कि तरह क्यों नहीं माना जाये?
*पोर्न वेबसाइट को कही भी देखे जाने में क्या बुराई है?
*स्कूल में सेक्स एजूकेशन देते समय स्टुडेंट आपस में सेक्स सम्बन्ध बनाकर प्रैक्टिकल भी करले जिस पर मार्कस भी मिलने चाहिए, इत्यादी अनेक प्रश्न है? जिसका उत्तर आप ख़ुद दे आपने आप को
अम्बरीष मिश्रा
वन्देमातरम
Monday, February 16, 2009
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