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# केवल सन्सद मे ही विस्वास मत क्यो !
जरा सोचिये कि ...................
- 1,00,000 लाख किसी चुनाव छेत्र के वोट और पड़ने वाले वोटो की संख्या
- 0,40,000 हज़ार (40 % ) पडे वोट
- 8,000 जीतने वाला पयेगा क्योकि .....
- चार बडे दल और निर्द्लीय मिलाकर पाच तो
- 40,000 / 5 = 8,000
- सब वोटो में जीतने वाला पयेगा केवल (लगभग ) 8% वोट
- ( ये 8% लोग होते है सरकारी कर्मचारी + गुन्डे + द्लाल जिन्को सरकार के उस व्यकित् को जीतना होताहै जो कि इन्के अपने काम मे रोडा न लगाये और जिससे भ्रष्टाचार को मिले बढाबा ......। )
- इससे एक बात तय होती है कि जितने वाले को { 100% - 8% = 92%}
- =92% जनता का अपने छेत्र के नेता पर विस्वास नही है .........
- केवल सन्सद मे ही विस्वास मत क्यो !
- जिनको जनता ने वोट दिया है उन्को भी तो मौका दो ..............
- मेरा कहने का मतलब है कि ..........
- party no :1 = 8%
- party no : 2 = 10%
- party no : 3 = 5 %
- party no : 4 =11 %
- others : 5 = 7 %
- --------------------
- total = 40 %
- ==============
- जैसा कि मैने उपर कहा है कि ......
- 40 % वोट मे 11% वाला जितेगा ..............पर 1,00,000 में ..... 50 % से अधीक अनिवार्य हो तो ,
- party no :1(8%) + party no :5 (7%)+ party no :3(5%) = 20% + या पूरे का 50 % हो तो
- मिल्कर सरकार बना सकते है ।
- इसमे जो पूरे वोटिंग का 51 % जो स्द्स्य को समर्थन मिलेगा वो सरकार में जनता ka प्रेतीनिध होगा
- मे जयेगा .... that is MLA / MP and others ( chairman etc)कलायेगा !
- और एक नेता दुसरे नेता कि बुराई को छोड उसकी तारीफ़ कर्ता नज़र आयेगा और........
- इससे नेताओ का जन्सम्पर्क बढेगा और जनता का फ़ायदा ।
- इस प्र्कार तीन दलो के वोट देने वालो का फ़ायदाहोगा 51% से अधीक लोगो के छेत्र मे काम होगा ।
- न कि उन लोगो का जो थोडे से लोग जो अपने फ़ायदे के लिये सरकार बनते है ।
- सरकार सब की होनी चाहिये जितने वोट डालने जाये उतनो की तो होनी ही चहिये .......... है कि नहीतो फिर अप्नी राय पोस्ट करे .... धन्य्बाद .... .........
- आपका
- अपना अम्बरीष ..............
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