बाकि ही क्या रह जाता गर.....उत्तर मिल भी जाते तो.....!!
और भी मुश्किल हो जाती गर....उत्तर मिल भी जाते तो ....!!
जिन्दगी बड़ी अबूझ रही.....इसीलिए हमने जी भी ली.....!!
वक्त से पहले मर जाते हम गर....उत्तर मिल भी जाते तो.....!!
हमने वक्त को पल-पल सींचा....पल-पल इक इंतज़ार किया
हर पल भारी-भारी हो जाता गर....उत्तर मिल भी जाते तो....!!
हर दुश्वार को आसां बनाना आदमी की ही अनूठी फितरत है
हर आसानी मुश्किल हो जाती गर उत्तर मिल भी जाते तो....!!
हमने मुहब्बत को अपनाया..और गाफिल सबों से प्यार किया
हम गाफिल भला कहाँ रह पाते गर...उत्तर मिल भी जाते तो...!!
Tuesday, April 21, 2009
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क्या बात है! एक अलग अंदाज है देखने का।पसंद आया।बहुत बढिया!
ReplyDeleteप्रशंसनीय रचना है
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